Sundarkand Path
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सुंदरकांड, रामचरितमानस का पांचवा कांड है, जो भगवान हनुमान के साहस, भक्ति और भगवान राम के प्रति समर्पण को दर्शाता है। यह भगवान हनुमान के लंका पहुंचने, सीता से मिलने, लंका दहन करने और वापस लौटने की घटनाओं का वर्णन करता है। सुंदरकांड का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, भय और चिंताएं दूर होती हैं, और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
सुंदरकांड का महत्व:
सुंदरकांड का पाठ करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं
सुंदरकांड में हनुमान जी के साहस और भगवान राम के प्रति अटूट भक्ति का वर्णन है, जिससे भय और चिंताएं दूर होती हैं,
सुंदरकांड का पाठ सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और मन को शांति प्रदान करता है
सुंदरकांड का पाठ करने से भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त होता है
यह माना जाता है कि सुंदरकांड का पाठ करने से विभिन्न प्रकार के संकटों से मुक्ति मिलती है
पंडित जी द्वारा व्यवस्था की जाएगी:-
सम्पूर्ण पूजन सामग्री, फूल व फूल मालाएं, ढोल, मंजीरा आदि।
सुन्दर काण्ड का पाठ पांच पंडित जी द्वारा सम्पन्न करवाया जाएगा।
यजमान द्वारा व्यवस्था की जाएगी :-
भोग व प्रसाद हेतु मिठाई।